सावन में रुद्राक्ष पहनने से क्या सच में होता है फायदा, जानें ज्योतिष और अध्यात्मिक लाभ


ग्रंथों के अनुसार जगत के कल्याण के लिए कई सालों की तपस्या के बाद जब भगवान शंकर ने आंखें खोलीं तो उनकी आंखों से आंसू गिर आए। इसी से रुद्राक्ष के पेड़ की उत्पत्ति हुई. चूंकि सावन शिव का महीना है और रुद्राक्ष में शिव का वास होता है इसलिए सावन में जो रुद्राक्ष धारण करता है वह सिद्ध फल प्राप्त करता है.

ग्रंथों के अनुसार जगत के कल्याण के लिए कई सालों की तपस्या के बाद जब भगवान शंकर ने आंखें खोलीं तो उनकी आंखों से आंसू गिर आए। इसी से रुद्राक्ष के पेड़ की उत्पत्ति हुई. चूंकि सावन शिव का महीना है और रुद्राक्ष में शिव का वास होता है इसलिए सावन में जो रुद्राक्ष धारण करता है वह सिद्ध फल प्राप्त करता है.

सावन के सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष व्रत जैसी मुख्य तिथि पर रुद्राक्ष धारण करना बेहद लाभकारी है. इसके लिए सर्वश्रेष्ठ समय प्रातःकाल होता है. इस समय वातावरण शुद्ध और शांत होता है, जिससे रुद्राक्ष की ऊर्जा को आसानी से अवशोषित किया जा सकता है.

सावन के सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष व्रत जैसी मुख्य तिथि पर रुद्राक्ष धारण करना बेहद लाभकारी है. इसके लिए सर्वश्रेष्ठ समय प्रातःकाल होता है. इस समय वातावरण शुद्ध और शांत होता है, जिससे रुद्राक्ष की ऊर्जा को आसानी से अवशोषित किया जा सकता है.

पहले लाल कपड़े पर रुद्राक्ष को रखकर पूजा स्थल या शिवलिंग पर रख दें और पंचाक्षरीय ऊं नमः शिवाय मंत्र का जाप करें. फिर इसे गंगाजल से धोएं और पंचामृत में डुबोकर कुछ देर के लिए छोड़ दें. इसके बाद धारण करें.

पहले लाल कपड़े पर रुद्राक्ष को रखकर पूजा स्थल या शिवलिंग पर रख दें और पंचाक्षरीय ऊं नमः शिवाय मंत्र का जाप करें. फिर इसे गंगाजल से धोएं और पंचामृत में डुबोकर कुछ देर के लिए छोड़ दें. इसके बाद धारण करें.

रुद्राक्ष हमेशा लाल धागे में पहना जाता है, इसे पहनने के बाद सात्विक दिनचर्या का पालन करें तभी इसका फल प्राप्त होता है अन्यथा ये अशुद्ध हो जाता है.

रुद्राक्ष हमेशा लाल धागे में पहना जाता है, इसे पहनने के बाद सात्विक दिनचर्या का पालन करें तभी इसका फल प्राप्त होता है अन्यथा ये अशुद्ध हो जाता है.

धार्मिक मान्यता है कि रुद्राक्ष पहने के 7 या 21 दिन में वो असर दिखाना शुरू कर देता है, लेकिन इसके लिए अपनी जीवनशैली में नियमों का पालन बेहद जरुरी है, तभी इसका फल मिलता है.

धार्मिक मान्यता है कि रुद्राक्ष पहने के 7 या 21 दिन में वो असर दिखाना शुरू कर देता है, लेकिन इसके लिए अपनी जीवनशैली में नियमों का पालन बेहद जरुरी है, तभी इसका फल मिलता है.

रुद्राक्ष को श्मशान घाट, नवजात शिशु के जन्म के दौरान, या यौन संबंधों के समय नहीं पहनना चाहिए. image 6

रुद्राक्ष को श्मशान घाट, नवजात शिशु के जन्म के दौरान, या यौन संबंधों के समय नहीं पहनना चाहिए. image 6

Published at : 18 Jul 2025 06:20 AM (IST)

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