QS Best Student Cities 2026: दुनिया के टॉप 130 स्टूडेंट फ्रेंडली शहरों में भारत के चार शहर शामिल, दिल्ली सबसे सस्ती


यह रैंकिंग छात्रों के लिए शहरों की गुणवत्ता को देखते हुए जारी की गई है, जिसमें पढ़ाई के अवसर, रोजगार की संभावना, जीवन की गुणवत्ता, सुरक्षा और किफायती जीवन जैसे कई पैमानों को ध्यान में रखा गया.

यह रैंकिंग छात्रों के लिए शहरों की गुणवत्ता को देखते हुए जारी की गई है, जिसमें पढ़ाई के अवसर, रोजगार की संभावना, जीवन की गुणवत्ता, सुरक्षा और किफायती जीवन जैसे कई पैमानों को ध्यान में रखा गया.

रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली, न सिर्फ affordability यानी कम खर्च में जीवन बिताने के हिसाब से टॉप पर है, बल्कि शैक्षणिक माहौल के लिए भी दुनिया के छात्रों की पसंद बनती जा रही है.

रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली, न सिर्फ affordability यानी कम खर्च में जीवन बिताने के हिसाब से टॉप पर है, बल्कि शैक्षणिक माहौल के लिए भी दुनिया के छात्रों की पसंद बनती जा रही है.

रिपोर्ट में कहा गया कि दिल्ली को दुनिया के सबसे सस्ते शहरों में पहला स्थान मिला है. इसके अलावा मुंबई और बेंगलुरु को भी टॉप 15 किफायती शहरों में जगह मिली है, जो भारत के लिए गर्व की बात है. इन शहरों में रहने, खाने और पढ़ाई के खर्च बाकी ग्लोबल शहरों के मुकाबले काफी कम हैं.

रिपोर्ट में कहा गया कि दिल्ली को दुनिया के सबसे सस्ते शहरों में पहला स्थान मिला है. इसके अलावा मुंबई और बेंगलुरु को भी टॉप 15 किफायती शहरों में जगह मिली है, जो भारत के लिए गर्व की बात है. इन शहरों में रहने, खाने और पढ़ाई के खर्च बाकी ग्लोबल शहरों के मुकाबले काफी कम हैं.

वैश्विक स्तर पर दिल्ली को 111वां स्थान, मुंबई को 128वां, बेंगलुरु को 129वां और चेन्नई को 130वां स्थान मिला है. हालांकि टॉप 50 में भारत का कोई शहर नहीं पहुंच पाया, लेकिन affordability और शिक्षा के गुणवत्ता जैसे अहम मानकों पर भारत के इन शहरों ने शानदार प्रदर्शन किया है.

वैश्विक स्तर पर दिल्ली को 111वां स्थान, मुंबई को 128वां, बेंगलुरु को 129वां और चेन्नई को 130वां स्थान मिला है. हालांकि टॉप 50 में भारत का कोई शहर नहीं पहुंच पाया, लेकिन affordability और शिक्षा के गुणवत्ता जैसे अहम मानकों पर भारत के इन शहरों ने शानदार प्रदर्शन किया है.

इस लिस्ट में शामिल होने के लिए किसी भी शहर की आबादी 2.5 लाख से अधिक होनी चाहिए और वहां कम से कम दो ग्लोबल रैंकिंग वाली यूनिवर्सिटी होना जरूरी होता है. भारत के बड़े शहर जैसे दिल्ली यूनिवर्सिटी, जेएनयू, आईआईटी, मुंबई यूनिवर्सिटी, IISc बेंगलुरु जैसे संस्थानों की मौजूदगी ने इन शहरों को इस लिस्ट में शामिल होने में मदद की है.

इस लिस्ट में शामिल होने के लिए किसी भी शहर की आबादी 2.5 लाख से अधिक होनी चाहिए और वहां कम से कम दो ग्लोबल रैंकिंग वाली यूनिवर्सिटी होना जरूरी होता है. भारत के बड़े शहर जैसे दिल्ली यूनिवर्सिटी, जेएनयू, आईआईटी, मुंबई यूनिवर्सिटी, IISc बेंगलुरु जैसे संस्थानों की मौजूदगी ने इन शहरों को इस लिस्ट में शामिल होने में मदद की है.

इस रिपोर्ट से यह भी साफ होता है कि भारत धीरे-धीरे अंतरराष्ट्रीय शिक्षा के क्षेत्र में अपना स्थान मजबूत कर रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में यदि नीति और संसाधनों में इसी तरह सुधार होता रहा, तो भारत शिक्षा के लिए दुनिया भर के छात्रों का पसंदीदा गंतव्य बन सकता है.

इस रिपोर्ट से यह भी साफ होता है कि भारत धीरे-धीरे अंतरराष्ट्रीय शिक्षा के क्षेत्र में अपना स्थान मजबूत कर रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में यदि नीति और संसाधनों में इसी तरह सुधार होता रहा, तो भारत शिक्षा के लिए दुनिया भर के छात्रों का पसंदीदा गंतव्य बन सकता है.

Published at : 16 Jul 2025 11:03 AM (IST)

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