बुंदेलखंड का महोबा जिला बीते चार दशकों की सबसे भयावह बारिश से जूझ रहा है. बीते तीन दिनों से जारी मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है. जिले के सभी बड़े तालाब और जलाशय ओवरफ्लो होकर आबादी वाले इलाकों में पानी छोड़ने लगे हैं.
जैतपुर का बेलासागर, कुलपहाड़ बड़ा तालाब, मदनसागर और दिसरापुर जैसे प्रमुख जलस्रोत उफान पर हैं, जिनका पानी गांवों और कस्बों में घुस चुका है. 24 घंटे के अंदर जिले में अब तक 500 एमएम बारिश रिकॉर्ड दर्ज की जा चुकी है.
बारिश के चलते लोगों को भारी नुकसान
गांवों में हालात बेहद गंभीर हो गए हैं. बारिश के कारण कई कच्चे मकान जमींदोज हो गए हैं, जिसमें एक महिला समेत दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. तेज हवाओं और पानी के दबाव से सैकड़ों कच्चे घरों को नुकसान पहुंचा है.
कई ग्रामीण अपने घरों का सामान और अनाज बचा नहीं पाए हैं, जिससे वे आर्थिक और मानसिक संकट में हैं. जैतपुर ब्लॉक के बेलासागर सरोवर ने करीब एक दशक बाद पूरी तरह भरकर छलकना शुरू कर दिया है.
जिला अधिकारी ने लिया बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा
यह तालाब सिंचाई के साथ-साथ 65 से अधिक गांवों को पीने का पानी भी मुहैया कराता है, लेकिन अब इसके ओवरफ्लो होने से आसपास के इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं.कुलपहाड़ का बड़ा तालाब और मदनसागर का भी यही हाल है.
बारिश से प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने के लिए जिलाधिकारी गजल भारद्वाज, एडीएम राम प्रकाश सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस बल लगातार निरीक्षण कर रहे हैं. कुलपहाड़, जैतपुर, चरखारी और महोबा नगर क्षेत्र में टीमें राहत कार्य में जुटी हैं.
प्रशासन पूरी तरह सतर्क
कीरत सागर और बेला सागर की निगरानी के लिए अधिकारियों की तैनाती की गई है. वहीं बारिश से प्रभावित बुजुर्ग महिला प्यारी बाई ने बताया कि उन्होंने डेढ़ वर्ष पहले पीएम आवास के लिए आवेदन किया था, लेकिन आज तक उन्हें योजना का लाभ नहीं मिला.
बारिश के बीच वे पॉलिथीन से ढके कच्चे घर में रहने को मजबूर हैं. प्रशासन ने उर्मिल, अर्जुन और शिवहार बांध सहित अन्य जलाशयों पर भी नजर बनाए रखी है. हालांकि अधिकारी दावा कर रहे हैं कि स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन जलभराव से जूझते लोगों की मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं.