Typhon missile system which made China nervous without even firing it know how advanced this weapon is


Typhon Missile System: दक्षिण चीन सागर में चल रहे तनाव के बीच फिलीपींस ने अमेरिका के सहयोग से एक ऐसा हथियार तैनात किया है जिसने चीन की नींद उड़ा दी है नाम है Typhon Missile System. खास बात ये है कि इस मिसाइल सिस्टम ने अभी तक एक भी फायर नहीं किया फिर भी यह चीन के लिए एक बड़ा सामरिक सिरदर्द बन चुका है. सवाल यह उठता है कि आखिर यह टायफून सिस्टम है क्या, इसकी ताकत क्या है और कैसे यह एक ‘शांत हथियार’ होकर भी क्षेत्रीय संतुलन को हिला रहा है?

क्या है Typhon Missile System?

Typhon एक मोबाइल लॉन्ग रेंज प्रिसिजन स्ट्राइक सिस्टम है जिसे अमेरिका ने विशेष रूप से Indo-Pacific क्षेत्र में अपनी मौजूदगी को मजबूत करने के लिए तैयार किया है. इसे अमेरिका की Rapid Capabilities and Critical Technologies Office (RCCTO) ने विकसित किया है और यह वास्तव में एक मल्टी-मिशन हथियार प्लेटफॉर्म है जिसमें लंबी दूरी तक मार करने वाली क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलें शामिल होती हैं.

Typhon सिस्टम में फिलहाल दो प्रमुख हथियार तैनात हैं, SM-6 मिसाइल (Standard Missile-6) जो हवा, समुद्र और भूमि तीनों दिशाओं से आने वाले खतरों का मुकाबला कर सकती है. दूसरा Tomahawk क्रूज मिसाइल जो 1,600 किलोमीटर तक सटीक हमला कर सकती है और दुश्मन के कमांड सेंटर्स, रडार, एयरबेस आदि को नष्ट करने में सक्षम है.

ये है एडवांस तकनीक

Typhon सिस्टम पूरी तरह से मोबाइल यानी चलायमान है. इसे ट्रक पर तैनात किया जाता है और इसे किसी भी इलाके में ले जाकर तैनात किया जा सकता है चाहे वह पहाड़ी हो, तटीय क्षेत्र हो या घना जंगल. इससे यह दुश्मन के लिए अप्रत्याशित बन जाता है. इसमें लगे अत्याधुनिक सेंसर्स, नेटवर्क-सेंट्रिक कम्युनिकेशन और AI-आधारित लक्ष्य चयन तकनीक इसे बेहद घातक बनाते हैं. यह दुश्मन के मूवमेंट को रियल टाइम में ट्रैक कर सकता है और निर्णय लेने में समय नहीं लगाता.

चीन क्यों है परेशान?

Typhon सिस्टम की तैनाती फिलीपींस में अमेरिका द्वारा की गई है जो दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामक गतिविधियों के ठीक सामने है. यह क्षेत्र वही है, जहां चीन लगातार अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ा रहा है और विवादित द्वीपों पर दावा कर रहा है. Typhon की मौजूदगी चीन के लिए एक ऐसा खतरा है जिसे वह नजरअंदाज नहीं कर सकता क्योंकि इसकी मिसाइलें चीन की मुख्यभूमि तक पहुंच सकती हैं. खास बात यह है कि अमेरिका ने इसे बिना किसी बड़े सैन्य प्रदर्शन के, ‘साइलेंट डिटरेंस’ की तरह तैनात किया है यानी बिना कोई गोली चलाए ही एक बड़ा संदेश दे दिया गया है.

यह भी पढ़ें:

अमेरिका की सेना ने पहली बार युद्ध स्तर पर तैनात किया लेज़र हथियार! जानें किस तकनीक पर करता है काम और कितना खतरनाक है ये वेपन

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top