ये 5 एक्सरसाइज रोजाना की तो लिवर कभी नहीं रहेगा फैटी, खुद को एकदम फिट फील करेंगे आप


जब आपके लिवर में फैट जमा होता है तो इससे शरीर की इंसुलिन और शुगर को मैनेज करने की क्षमता प्रभावित होती है, जिससे सूजन बढ़ सकती है. साथ ही, स्ट्रोक और दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है. डरने वाली बात यह है कि जब तक आपको दिक्कत महसूस होती है, तब तक बहुत देर हो जाती है.

जब आपके लिवर में फैट जमा होता है तो इससे शरीर की इंसुलिन और शुगर को मैनेज करने की क्षमता प्रभावित होती है, जिससे सूजन बढ़ सकती है. साथ ही, स्ट्रोक और दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है. डरने वाली बात यह है कि जब तक आपको दिक्कत महसूस होती है, तब तक बहुत देर हो जाती है.

द लिवर डॉक्टर के नाम से मशहूर साइरिएक एबी फिलिप्स ने फैटी लिवर को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया. उन्होंने बताया कि इसका कार्डियोमेटाबॉलिक हेल्थ से कैसा कनेक्शन है? साथ ही, उन्होंने ऐसे फिटनेस टेस्ट भी बताए, जिनकी मदद से यह पता लगाया जा सकता है कि आप फिट हैं या नहीं.

द लिवर डॉक्टर के नाम से मशहूर साइरिएक एबी फिलिप्स ने फैटी लिवर को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया. उन्होंने बताया कि इसका कार्डियोमेटाबॉलिक हेल्थ से कैसा कनेक्शन है? साथ ही, उन्होंने ऐसे फिटनेस टेस्ट भी बताए, जिनकी मदद से यह पता लगाया जा सकता है कि आप फिट हैं या नहीं.

एक्स पर किए गए पोस्ट में उन्होंने लिखा कि फैटी लिवर का सबसे अच्छा इलाज अपनी कार्डियोमेटाबॉलिक हेल्थ को बेहतर करना है. उन्होंने फैटी लिवर के इलाज के लिए एक्सरसाइज करने की सलाह दी. साथ ही, अपनी फिटनेस का पता लगाने वाली एक्सरसाइज भी बताईं.

एक्स पर किए गए पोस्ट में उन्होंने लिखा कि फैटी लिवर का सबसे अच्छा इलाज अपनी कार्डियोमेटाबॉलिक हेल्थ को बेहतर करना है. उन्होंने फैटी लिवर के इलाज के लिए एक्सरसाइज करने की सलाह दी. साथ ही, अपनी फिटनेस का पता लगाने वाली एक्सरसाइज भी बताईं.

उन्होंने बताया कि कुर्सी पर एक मिनट की उठक-बैठक से आप अपने शरीर के निचले हिस्से की ताकत का पता लगा सकते हैं. इसके लिए 45 सेमी. ऊंची एक कुर्सी लीजिए और अपनी बांहों को अपने सीने के ऊपर रखें. इसके बाद 60 सेकंड में जितनी ज्यादा बार हो सके, कुर्सी पर बैठकर खड़े होते रहें. अगर आप 60 सेकंड में 20 बार ऐसा करते हैं तो इसे अच्छा रिजल्ट माना जा सकता है.

उन्होंने बताया कि कुर्सी पर एक मिनट की उठक-बैठक से आप अपने शरीर के निचले हिस्से की ताकत का पता लगा सकते हैं. इसके लिए 45 सेमी. ऊंची एक कुर्सी लीजिए और अपनी बांहों को अपने सीने के ऊपर रखें. इसके बाद 60 सेकंड में जितनी ज्यादा बार हो सके, कुर्सी पर बैठकर खड़े होते रहें. अगर आप 60 सेकंड में 20 बार ऐसा करते हैं तो इसे अच्छा रिजल्ट माना जा सकता है.

अपनी कार्डियोवैस्कुलर फिटनेस को मापने के लिए थ्री मिनट स्टेप टेस्ट बेस्ट है. इसके लिए 12 इंच ऊंचे स्टेप या सीढ़ी को इस्तेमाल कर सकते हैं और इस पर 3 मिनट तक ऊपर चढ़कर नीचे उतरें. आपको एक मिनट में 24 बार यह प्रक्रिया दोहरानी है. एक्सरसाइज के तुरंत बाद अपनी पल्स चेक करें. अगर हार्टबीट 96 बीट्स प्रति मिनट से ज्यादा है तो आप फिट नहीं हैं. वहीं, रिकवरी पल्स 80 बीपीएम से कम हैं तो यह कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ अच्छी है.

अपनी कार्डियोवैस्कुलर फिटनेस को मापने के लिए थ्री मिनट स्टेप टेस्ट बेस्ट है. इसके लिए 12 इंच ऊंचे स्टेप या सीढ़ी को इस्तेमाल कर सकते हैं और इस पर 3 मिनट तक ऊपर चढ़कर नीचे उतरें. आपको एक मिनट में 24 बार यह प्रक्रिया दोहरानी है. एक्सरसाइज के तुरंत बाद अपनी पल्स चेक करें. अगर हार्टबीट 96 बीट्स प्रति मिनट से ज्यादा है तो आप फिट नहीं हैं. वहीं, रिकवरी पल्स 80 बीपीएम से कम हैं तो यह कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ अच्छी है.

अपनी ताकत और फिटनेस का पता लगाने का सबसे आसान तरीका फोरआर्म प्लैंक है. अगर आप 30 सेकंड से भी कम वक्त तक टिक पाते हैं तो यह कमजोर फिटनेस की निशानी है. अगर होल्डिंग टाइम 90 से 120 सेकंड है तो यह अच्छी फिटनेस की पहचान है.

अपनी ताकत और फिटनेस का पता लगाने का सबसे आसान तरीका फोरआर्म प्लैंक है. अगर आप 30 सेकंड से भी कम वक्त तक टिक पाते हैं तो यह कमजोर फिटनेस की निशानी है. अगर होल्डिंग टाइम 90 से 120 सेकंड है तो यह अच्छी फिटनेस की पहचान है.

द वॉल सिट टेस्ट को आइसोमेट्रिक स्क्वाट टेस्ट के नाम से भी जाना जाता है. इससे शरीर के निचले हिस्से की ताकत और सहनशक्ति का पता चलता है.   इसके लिए अपनी पीठ को दीवार से सटाकर और हाथ को क्रॉस करके रखें. आप इस पोजिशन में जितनी देर बैठ सकते हैं, उतनी देर तक बैठें. अगर 30 सेकंड से कम वक्त तक बैठ पाते हैं तो लोअर बॉडी की फिटनेस बेहद कम है. 75 सेकंड से ज्यादा देर तक बैठने की क्षमता से अच्छी फिटनेस का पता चलता है.

द वॉल सिट टेस्ट को आइसोमेट्रिक स्क्वाट टेस्ट के नाम से भी जाना जाता है. इससे शरीर के निचले हिस्से की ताकत और सहनशक्ति का पता चलता है. इसके लिए अपनी पीठ को दीवार से सटाकर और हाथ को क्रॉस करके रखें. आप इस पोजिशन में जितनी देर बैठ सकते हैं, उतनी देर तक बैठें. अगर 30 सेकंड से कम वक्त तक बैठ पाते हैं तो लोअर बॉडी की फिटनेस बेहद कम है. 75 सेकंड से ज्यादा देर तक बैठने की क्षमता से अच्छी फिटनेस का पता चलता है.

अगर आपकी उम्र 40 से 59 साल के बीच है तो आप मोडिफाइड पुश-अप टू फटीग टेस्ट की मदद से अपने शरीर के ऊपरी हिस्से की ताकत चेक कर सकते हैं. इसके लिए घुटनों के बल बैठ जाएं और हाथों को कंधे की चौड़ाई से थोड़ी ज्यादा दूरी पर रखें. अपने शरीर को तब तक नीचे करें, जब तक आपका सीना लगभग जमीन को न छू ले. इसके बाद सिर से घुटनों तक एक सीधी रेखा बनाते हुए वापस ऊपर की ओर धक्का दें. यह प्रक्रिया तब तक दोहराएं, जब तक आप इसे आराम से कर सकें. अगर आप 10-12 से कम बार यह प्रोसेस कर पाते हैं तो ताकत कम है. वहीं, 25 बार से ज्यादा को एवरेज से ज्यादा माना जाता है.

अगर आपकी उम्र 40 से 59 साल के बीच है तो आप मोडिफाइड पुश-अप टू फटीग टेस्ट की मदद से अपने शरीर के ऊपरी हिस्से की ताकत चेक कर सकते हैं. इसके लिए घुटनों के बल बैठ जाएं और हाथों को कंधे की चौड़ाई से थोड़ी ज्यादा दूरी पर रखें. अपने शरीर को तब तक नीचे करें, जब तक आपका सीना लगभग जमीन को न छू ले. इसके बाद सिर से घुटनों तक एक सीधी रेखा बनाते हुए वापस ऊपर की ओर धक्का दें. यह प्रक्रिया तब तक दोहराएं, जब तक आप इसे आराम से कर सकें. अगर आप 10-12 से कम बार यह प्रोसेस कर पाते हैं तो ताकत कम है. वहीं, 25 बार से ज्यादा को एवरेज से ज्यादा माना जाता है.

Published at : 19 Jul 2025 07:40 AM (IST)

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