प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक गंभीर मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए बुधवार (16 जुलाई, 2025) को यूके (इंग्लैंड) स्थित एक अचल संपत्ति को कुर्क किया है. यह संपत्ति कारोबारी विनोद तन्ना और उनकी पत्नी के नाम पर पाई गई थी. जांच में सामने आया है कि यह जमीन और इमारत जयेश तन्ना ने साल 2017 में उस समय खरीदी थी जब धोखाधड़ी का अपराध चल रहा था. संपत्ति की खरीदारी के लिए 2.07 लाख ब्रिटिश पाउंड की अवैध रकम यूके भेजी गई थी. यह रकम उन असली निवेशकों और फ्लैट खरीदारों से धोखे से हड़पी गई थी, जो साई ग्रुप के पुनर्विकास प्रोजेक्ट्स में निवेश कर रहे थे.
ED ने यह जांच साल 2024 में शुरू की थी. इसकी नींव मुंबई पुलिस की ओर से दर्ज की गई कई FIRs पर रखी गई थी, जिनमें भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत जयेश तन्ना, दीप तन्ना (साई ग्रुप के प्रमोटर) और अन्य के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए थे. इन मामलों में से अधिकतर में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है.
अब तक की जांच में क्या हुआ खुलासा
अब तक की जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि साई ग्रुप के प्रमोटरों ने अपने अंधेरी, डी. एन. नगर, कांदिवली और गोरेगांव के रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स में खरीदारों और निवेशकों की भारी रकम को निजी लाभ के लिए डायवर्ट किया. उन्होंने मकानों और दुकानों की बुकिंग के नाम पर करोड़ों रुपये जुटाए, लेकिन प्रोजेक्ट पूरे नहीं किए. इससे न केवल नए खरीदारों को नुकसान हुआ, बल्कि पुराने किरायेदारों, जो मूल सोसायटी के सदस्य थे, को भी भारी आर्थिक और मानसिक पीड़ा सहनी पड़ी.
85.75 करोड़ का हुआ नुकसान, 35.65 करोड़ की संपत्ति जब्त
ED के अनुसार, इस धोखाधड़ी से निवेशकों, फ्लैट खरीदारों और सोसायटी सदस्यों को कुल 85.75 करोड़ का नुकसान हुआ है. जांच एजेंसी अब तक इस मामले में कुल 35.65 करोड़ की संपत्तियां जब्त कर चुकी है, जिनमें अब UK स्थित अचल संपत्ति भी शामिल हो गई है.
प्रवर्तन निदेशालय की यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में विदेश में निवेश की गई अवैध संपत्तियों के खिलाफ बड़ा संदेश मानी जा रही है. एजेंसी का कहना है कि मामले की गहन जांच जारी है और आने वाले समय में और संपत्तियों की कुर्की संभव है.
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