अमेरिका बीते कुछ दिनों से रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने की धमकी दे रहा है. यूएस ने इस बात के भी संकेत दिए हैं कि जो देश रूस से सस्ते रेट पर कच्चा तेल और एनर्जी खरीद रहा है उस पर भी कार्रवाई हो सकती है. दुनिया इसे डोनाल्ड ट्रंप की धमकी समझ रही होगी, लेकिन रूस इसे लेकर अब आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार है. दरअसल रूस ने अमेरिका के अलास्का शहर के नजदीक अपना Su-57 स्टेल्थ फाइटर जेट भेजे हैं.
अमेरिका की कमजोर नस बन रहा अलास्का!
अलास्का क्षेत्रफल के हिसाब से अमेरिका का सबसे बड़ा राज्य है. अधिकतर हिस्सा बर्फीले पहाड़ों, जंगलों और नदियों से घिरा हुआ है. यह रूस से केवल 55 मील की दूरी पर स्थित है, जो अमेरिका वायुसेना का मजबूत किला है. रूस के सुरक्षा एक्सपर्ट्स का मानना है कि पुतिन अब इसमें सेंधमारी की प्लानिंग कर रहे हैं. रूस ने यहां अपने Su-57 स्टेल्थ फाइटर जेट को अमेरिका की स्ट्रैटजिक कमजोरियों का पता लगाने के लिए भेजे हैं.
अमेरिका ने शीत यु्द्ध के दौरान यहां अपने सबसे एडवांस्ड हथियार रखे थे. उस समय सोवियत संघ के विमानों का पता लगाने के लिए यूएस के रडार साइट्स वहां तैनात थे. अमेरिका ने यहां F-22 रैप्टर और F-35 लाइटनिंग II जैसे पांचवी पीढ़ी के फाइटर जेट तैनात कर रखे हैं. हालांकि अमेरिका के लिए यहां सप्लाई चेन को बनाए रखने में सबसे ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
E-7 वेजटेल एयरक्राफ्ट की खरीदी रद्द करना US को पड़ेगा महंगा
इस क्षेत्र के लिए अमेरिका की सबसे बड़ी कमजोरी ये है कि वो E-7 वेजटेल एयरक्राफ्ट की खरीद रद्द करने वाला है. पिछले महीने अमेरिका के सैन्य अधिकारी ने बताया था कि वित्तीय बजट का हवाला देते हुए इस एयरक्राफ्ट को खरीदने से मना कर दिया. यह एक अत्याधुनिक एयर सर्विलांस एयरक्राफ्ट है, जो 360 डिग्री कवरेज और स्टील्थ विमानों को ट्रैक करने की क्षमता रखता है.
रूसी एक्सपोर्ट के मुताबिक इसकी खरीद रद्द होने के कारण अब अमेरिका को E-3 Sentry विमान पर निर्भर रहने पड़ेगा. इस विमान की तकनीक काफी पुरानी है. अलास्का का क्षेत्र जो काफी दुर्गम और पहाड़ों, जंगलों से घिरा हुआ है वहां युद्ध को की दृष्टि से देखें तो यह कारगर साबित नहीं होगा. यहां का रडार कवरेज सीमित है ऐसे में अमेरिका का एफ-22 और एफ-35 जैसे स्टेल्थ फाइटर जेट समय रहते दुश्मनों का जवाब दे देंगे इस पर भी सवाल है.
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